अभी उड़ान बाकी है
प्रतियोगिता के लिए
अभी उड़ान बाकी है
पँख सब कुछ नहीं होते
मन को मजबूत जो करते।
हौसलों की भर कर उड़ान।
जगत में अपना नाम करते।
पँखों को मेरे कतर डालो।
चाहे कुछ भी कर डालो।
रहेंगे छूकर आसमान को।
कभी भी चाहो आज़मा लो।
मुश्किलों से सामना है।
लक्ष्य को ही साधना है।
कर्म ही पूजा है मेरी।
श्रम ही मेरी आराधना है।
अभी बहुत कुछ करना है।
न पीछे मुड़ देखना है।
रहेंगे कर के ही वो हासिल।
जो भी आँखो में सपना है।
कुटिलता अब न दिखलाओ।
चलो अब पीछे हट जाओ।
अभी बहुत उड़ान बाकी है।
हौसलों को तो मेरे सराहो।
स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'
Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 12:02 PM
Nice
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Swati chourasia
01-Oct-2021 01:33 PM
Very nice
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Ankit Raj
01-Oct-2021 07:25 AM
Wahh nice
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